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Detailed Notes On mahavidya

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रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। ऊँ ऐं हीं श्रीं हीं हूं हैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय  हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। कई बार देखा जाता है कि अचानक खुले में शौच आदि के लिए जाने वाला व्यक्ति के आते ही तबीयत बिगड़ जाती है। उसपर https://in.pinterest.com/vashikaranspecialistnexpert/
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